रुला देने वाला मंजरः गांव में एक साथ उठी 17 अर्थियां, गांव में मचा कोहराम

वीडियो डेस्क।  कानपुर सचेंडी थाना क्षेत्र के किसान नगर में मंगलवार रात टेंपो और डबल डेकर बस की टक्कर में 17 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले एक ही गांव के दो बस्ती के निवासी हैं। गांव में हर तरफ चीत्कार मच उठी। इसमें धनीराम के तीन जवान बेटे और त्रिभुवन के दो बेटे भी शामिल हैं। 
 

/ Updated: Jun 09 2021, 05:51 PM IST

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वीडियो डेस्क।  कानपुर सचेंडी थाना क्षेत्र के किसान नगर में मंगलवार रात टेंपो और डबल डेकर बस की टक्कर में 17 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले एक ही गांव के दो बस्ती के निवासी हैं। गांव में हर तरफ चीत्कार मच उठी। इसमें धनीराम के तीन जवान बेटे और त्रिभुवन के दो बेटे भी शामिल हैं। बता दें कि सभी सचेंडी के सीढ़ी इटारा में अंबाजी पार्ले बिस्कुट फैक्ट्री में काम करने टेंपो से जा रहे थे, लेकिन रास्ते में हादसे के शिकार हो गए। कानपुर हादसे में अपनों की मौत की सूचना पर हैलट इमरजेंसी पहुंचे परिजन क्षतविक्षत शव देखकर दहाड़े मारकर रोने लगे। कोई शव से लिपटकर रो रहा था तो कोई बेहोश होकर गिर पड़ा। पिता धनीराम के पांच बेटों में तीन की एक साथ ही मौत हो गई। ग्रामीण बता रहे थे कि धनीाराम के घर में इतनी आमदनी नहीं थी, इसलिए तीनों बेटे राममिलन (24), शिवचरन (22) और लवलेश (20) कम उम्र में ही कमाने लगे। राममिलन की शादी बिनगवां निवासी नीतू से जुलाई में तय की थी। गोदभराई हो गई थी। लेकिन क्या पता था, ये हो जाएगा। हादसे में जान गवांने वाले तीनों भाइयों ने 15 जून को सैलरी आने पर अपनी मां गीता देवी को महंगी साड़ियां देने के वादा किया था। भाई अजय कहना कि हादसे में तीनों की मौत की खबर सुनकर उनके माता-पिता की तबीयत खराब हो गई। आनन-फानन में उन्हें पास के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। त्रिभुवन के दो बेटे धर्मराज यादव (28) और गौरव (22) की भी मौत हुई है। बेटों की मौत की खबर सुनकर वे बेहोश हो जा रहे हैं। जब भी होश आता है तो एक ही रट लगाकर कहते कि मेरे बेटों को वापस ले आओ, वो फैक्ट्री गया है। मृतक के चाचा के मुताबिक घर में कोई कमाने वाला भी नहीं बचा।