किसान महापंचायत के समर्थन में खाप चौधरियों ने भरी हुंकार, 29 मई को इकट्ठा होंगे सभी किसान संगठन
उत्तर प्रदेश में एक बार फिर किसानों की महापंचायत होना शुरू हो गई है। वहीं यह पंचायत किसानों पर बढ़ रहे बिजली के बिल, बकाया गन्ना भुगतान और आवारा पशुओं को लेकर की जा रही है। साथ ही साथ इस पंचायत का उद्देश्य बिखरे हुए किसानों को एकजुट करना भी है।
शामली: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर किसानों की महापंचायत होना शुरू हो गई है। वहीं यह पंचायत किसानों पर बढ़ रहे बिजली के बिल, बकाया गन्ना भुगतान और आवारा पशुओं को लेकर की जा रही है। साथ ही साथ इस पंचायत का उद्देश्य बिखरे हुए किसानों को एकजुट करना भी है। जहां जनपद मुजफ्फरनगर के गाँव काकड़ा में 29 मई को एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। ठीक उससे पहले शामली जनपद में 7 थाम्बेदरों व 52 गाँव के खाप चौधरियों ने आज एक पंचायत का आयोजन करते हुए काकड़ा में होने वाली पंचायत में जाने की हुंकार भरी है।
दरअसल आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के जनपद मुजफ्फरनगर स्थित गांव काकड़ा में 29 मई को सर्व खाप बालियान के द्वारा किसानों की एक महापंचायत का आयोजन किया गया है। जिसमें भारतीय किसान यूनियन व अन्य किसानों के संगठनों को आमंत्रित किया गया है। वही जनपद शामली में कुछ दिन पहले किसानों के संगठनों में नए संगठन के नामकरण से फूट पड़ गई थी। जिसमें बत्तीसा खाप के चौधरी बाबा राजेन्द्र सिंह मलिक को भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक संगठन का चेयरमैन बनाया गया है। वही किसानों में पड़ी अलग-अलग फुट के कारण अब 29 मई को काकड़ा गाँव एक महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। वही महापंचायत को देखते हुए आज जनपद शामली के गांव बहावड़ी में 7 थाम्बेदारो व 52 गांव के चौधरियों ने एक पंचायत की है। वही इस पंचायत में निर्णय लिया गया है कि वह एकजुट होकर मुजफ्फरनगर के गांव काकड़ा में होने वाली पंचायत में दल-बल के साथ शामिल होंगे। इतना ही नहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत और राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के द्वारा की गई गलती पर भी चर्चा की गई है। जिसमें गठवाला खाप के थाम्बदार बाबा श्याम सिंह द्वारा कहा गया है कि भारतीय किसान यूनियन महेंद्र सिंह टिकैत के कदमों पर चलती आई है लेकिन कुछ समय से राकेश टिकैत और नरेश टिकैत उन कदमों से भटक गए हैं। 29 मई में होने वाली महापंचायत में राकेश और नरेश टिकैत बाबा महेंद्र सिंह के कदमों पर चलकर निर्णय ले। यह बात भी राकेश ओर नरेश से स्पष्ट कर ली जाएगी की वह किसी भी निर्णय को लेने से पहले एक कार्यकारिणी का गठन करे ओर महापंचायत में निर्णय सुनाने से पहले उस कार्यकारिणी की सहमति जरूर ले। वहीं पंचायत में पहुंचे मास्टर ओमपाल नाम के व्यक्ति ने भारतीय किसान यूनियन के 29 मई के निमंत्रण पत्र को पंचायत में देते हुए वादा किया है कि जो गलती राकेश और नरेश टिकैत से हुई है वह गलती दोबारा नहीं की जाएगी। वही भारतीय किसान यूनियन की ओर से आये मास्टर जी की ओर से यह दावा एक बार नहीं बल्कि दो बार किया गया है। वही मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत में 52 खाप के चौधरियों व 7 थाम्बेदारो द्वारा लिया गया निर्णय काकड़ा में होने वाली पंचायत के लिए हुंकार भर चुका है।