सरकारी कागजों में मृत दिखने पर बोला किसान- 'साहब मैं जिंदा हूं'
अधिकारियों की लापरवाही से एक जिंदा किसान सरकारी कागजों में मृत घोषित हो गया है। जिसकी वजह से पीड़ित की किसान सम्मान निधि रूक गई। इतना ही नहीं जिलाधिकारी से लेकर सीएम तक वह कई बार गुहार लगा चुका है।
सहारनपुर: जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित करने के मामले पहले भी कई बार सुनने को मिले है। ऐसा ही एक मामला सहारनपुर में सामने आया है, जहां पर एक किसान को मृत घोषित कर दिया गया है। सरकारी मशीनरी कभी-कभी इतनी बड़ी गलती कर देती है कि व्यक्ति के जिंदा होने के बावजूद सरकारी कागजों में मृत घोषित हो जाते है। पीड़ित किसान के मृत घोषित होने के बाद उसकी सम्मान निधि ही रुक गई। किसान अनेक बार जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार भी लगा चुका है। वह अपने जिंदा होने का सबूत दे रहा है लेकिन अभी तक सरकारी कागजों में मृत ही चल रहा है।
शहर के ग्राम बालू के किसान तेजपाल सिंह ने बताया कि नवंबर 2020 तक किसान सम्मान निधि खाते में आ रही थी लेकिन उसके बाद कोई निधि नहीं आ पाई है। पता करने पर जानकारी हुई कि सरकारी कागजों में अधिकारियों की घोर लापरवाही के चलते मृत घोषित कर दिया है। जिससे किसान सम्मान निधि रुक गईं हैं। पीड़ित किसान का कहना है कि उसे मृत घोषित करने से उसको व परिवार को मानसिक पीड़ा पहुंची है। किसान ने जिलाधिकारी व मुख्यमंत्री से फिर गुहार लगाते हुए कहा कि साहब मैं जिंदा हूं! इसके लिए जो भी प्रमाण चाहिए मैं दे सकता हूं। मेरी किसान सम्मान निधि मेरे खाते में डलवाई जाए।