सुबह-ए-बनारस समारोह में पहुंची पद्मश्री मालिनी अवस्थी, अस्सी घाट पर बने सांस्कृतिक मंच पर दी प्रस्तुति

वाराणसी में आयोजिच सुबह-ए-बनारस के स्थापना दिवस समारोह में पद्मश्री मालिनी अवस्थी पहुंची। यहां उन्होंने अस्सी घाट पर बने सांस्कृतिक मंच पर प्रस्तुति भी दी। इससे पहले वह आरती में भी शामिल हुईं। 

/ Updated: Nov 24 2022, 12:23 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वाराणसी के अस्सी घाट पर सुबह ए बनारस मंच का आज 9वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री मालिनी अवस्थी पहुंची। सुबह एक बनारस द्वारा होने वाले दैनिक सुबह आरती में पद्मश्री मालिनी अवस्थी सम्मिलित हुई। उसके उपरांत उन्होंने महायज्ञ में शामिल होकर यज्ञ किया एवं सुबह ए बनारस के सांस्कृतिक मंच पर उन्होंने अपनी प्रस्तुति दी।

उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है। महादेव की नगरी ऊपर से गंगा जी का किनारा अस्सी घाट पर यह पूजन मंच जहां पर जहां अनवरत संगीत की सेवा हो रही है। जहां पर गंगा जी के आरती के बाद विश्व कल्याण के लिए यज्ञ के बाद स्वर्ग की प्रणामी दी जाती है। आज मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। मुझे यहां नवमी वर्षगांठ पर बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि अपने घर में बुलाया नहीं जाता। उन्होंने कहा कि इतने अच्छे और इतने विद्वान आज यहां पर मेरे सामने बैठ कर सुन रहे थे। यह एक कलाकार के लिए सौभाग्य की बात होती है। 

बनारस में आयोजित काशी तमिल संगम के लिए पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की परिकल्पना है। प्रधानमंत्री जी की सोच हमेशा से भारत किस प्रकार से एक हो सांस्कृतिक रूप से एक है। लेकिन उन लोगों को दिखे भी इसकी इतनी सुंदर क्योंकि काशी और कांची यदि आप देखें तो जैसे काशी सांस्कृतिक राजधानी वैसे कांचीपुरम भी हमारे दक्षिण भारत के पूरे सांस्कृतिक तमिल और उत्तर भारत के संगम कैसे हमारे इष्ट एक हैं कैसे हमारी पूजा पद्धति हमारा आचार विचार और जीवन दर्शाने के साथ साथ  दिखाई भी दे यह उसकी बहुत सुंदर परिकल्पना है।  मैं बहुत इसके लिए बधाई देती हूं और मैं सोचती हूं कि इस तरह के आयोजन हर जगह करे जाने की जरूरत है। आज पूरा भारत एक है। इसमें आप देख रहे हैं कि दक्षिण भारत की कला हो दक्षिण भारत का साहित्य हो इसकी चर्चा आज घर घर में है उस दृष्टि से मुझे लगता है कि काशी में आयोजित यह कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत अवधारणा को और मजबूती प्रदान करता है।