ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे में शिवलिंग मिलने के बाद झूमा संत समाज, कहा- साबित हो गई वो कहावत
अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने ज्ञानवापी मस्जिद में विशाल शिवलिंग मिलने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जो शिवलिंग प्राप्त हुआ है, वह स्वयंभू बाबा विश्वनाथ हैं. सैकड़ों वर्षों के इस आपात परिस्थिति में ढंके हुए होने के बाद पुनः काशी और विश्व के हिंदू समाज के सामने प्रकट हो रहे हैं तो बाबा के प्रकट होने का हर्ष प्रत्येक सनातनी हिन्दू के मन में हर्ष है।
वाराणसी: अखिल भारतीय संत समिति और गंगा महासभा के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने ज्ञानवापी मस्जिद में विशाल शिवलिंग मिलने पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जो शिवलिंग प्राप्त हुआ है, वह स्वयंभू बाबा विश्वनाथ हैं. सैकड़ों वर्षों के इस आपात परिस्थिति में ढंके हुए होने के बाद पुनः काशी और विश्व के हिंदू समाज के सामने प्रकट हो रहे हैं तो बाबा के प्रकट होने का हर्ष प्रत्येक सनातनी हिन्दू के मन में हर्ष है। उन्होंने मांग की है कि शिवलिंग परिसर के आस पास गैर हिन्दू का प्रवेश वर्जित किया जाए।
स्पेशल प्रोविजन एक्ट 1991 वापस लिया जाए
उन्होंने कहा कि हमारा यही कहना है कि यह लोकतांत्रिक शासन प्रणाली है, तो बहुमत का शासन ही कानून व्यवस्था बनाता है। धारा 370 हटाई जा सकती है, कृषि कानून को किसानों के हित के लिए वापस लिया जा सकता है तो फिर स्पेशल प्रोविजन एक्ट 1991 को वापस लेकर काशी विश्वनाथ के मुक्ति का रास्ता क्यों नहीं साफ हो सकता है।
रुद्राभिषेक व जलाभिषेक से वंचित रखा तो इससे बड़ा अन्याय हिन्दुओं पर नहीं
उन्होंने आगे कहा, प्रत्यक्षम प्रमाणम किम अर्थात प्रत्यक्ष के लिए किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है। काशी का कण-कण शंकर है और एक-एक व्यक्ति बाबा विश्वनाथ के इस शिवलिंग के मिलने से अति प्रसन्न है। अगर शासन और सत्ता ने इस वर्तमान कानून-व्यवस्था ने हमें अब बाबा विश्वनाथ से दूर रखा। वहां, रुद्राभिषेक व जलाभिषेक से वंचित रखा तो मैं समझता हूं कि हिंदुओं पर इससे बड़ा अन्याय कुछ नहीं हो सकता है।
शिवलिंग परिसर के आस पास गैर हिन्दू का प्रवेश वर्जित किया जाए
शिवलिंग उसी हौदे से मिला है जहां से मुसलमान वजू करके नमाज पढ़ते थे। इस पर स्वामी जितेंद्रनंद ने कहा- ये सारे नमाजी काफिर हो गए हैं। शिवलिंग के जल से वजू करके नमाज पढ़ने के बाद ये नमाजी अब बचे कहां, ये अपनी चिंता करें। अखिल भारतीय संत समिति उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि तत्काल अब उस परिसर में उस हौदे के आस-पास गैर हिंदू का प्रवेश वर्जित किया जाए क्योंकि ये स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग है और उस जल के बीच में है। नीचे कितनी गहराई तक है, ये तो बेसमेंट टूटने के बाद पता चलेगा।