हेमामालिनी के नाम रहा काशी फिल्म फेस्टिवल का दूसरा दिन, मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

हेमा मालिनी ने कहा कि वाराणसी आज इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि यहां आने के लिए टिकट ही नहीं मिल रहा है. मैं वाराणासी में कई बार नृत्य प्रस्तुति कर चुकी हूं। 16 साल की उम्र में यहां पहली बार नृत्य किया. यह स्थान हमारे लिए खास है। 

/ Updated: Dec 29 2021, 01:53 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वाराणसी: रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित काशी फ़िल्म फेस्टिवल (Kashi Film Festival) के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर मौजूद रहे। मगर प्रमुख आकर्षण का केंद्र अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी द्वारा भगवान शिव और दुर्गा पर आधरित नृत्य नाटिका प्रस्तुति रही। महोत्सव के दौरान दो विषयों पर परिचर्चा का आयोजन भी किया गया। 

आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत वाराणसी में आयोजित काशी फिल्म महोत्सव के दूसरे दिन मुख्य अतिथि अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि फिल्म महोत्सव के लिए संगीत, ज्ञान, अध्यात्म की धरती काशी से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती है। इतने शानदार आयोजन के लिए यूपी सरकार को बधाई। साथ ही कहा कि काशी बदल गया है और बदलाव जुड़ता जा रहा है। काशी कॉरिडोर के रूप में ऐसी विरासत बचाने का कार्य 250 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है। फिल्म महोत्सव के बारे में कहा कि यह समारोह आगे भी आयोजित होगा। इससे यहां के टूरिज्म के साथ स्थानीय कलाकारों को भी फ़ायदा मिलेगा। 

हेमा मालिनी ने गंगा नृत्य, पार्वती, नौदुर्गा रूप, चंडी, सती समेत कई रूप में नृत्य प्रस्तुत किया. इस दौरान शिव-पार्वती विवाह और महिषासुर का वध पूरे गीत-संगीत और शास्त्रीय नृत्य में पिरोकर दिखाया गया। जब हेमा मालिनी ने अपना शास्त्रीय नृत्य पेश किया तो आयोजन में मौजूद हर कोई उनकी इस प्रस्तुति में मानों खो गए हों। ड्रीम गर्ल के भावमय नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.  इस दौरान सभागार में बैठे लोग कुर्सी छोड़ नहीं पाए।

नृत्य नाटिका के बाद हेमा मालिनी ने कहा कि वाराणसी आज इतना महत्वपूर्ण हो गया है कि यहां आने के लिए टिकट ही नहीं मिल रहा है. मैं वाराणासी में कई बार नृत्य प्रस्तुति कर चुकी हूं। 16 साल की उम्र में यहां पहली बार नृत्य किया. यह स्थान हमारे लिए खास है।