बेहतर स्वास्थ्य के लिए अब दुनिया भर के लोग शाकाहार को अपना रहे हैं। हालांकि सिर्फ शाकाहारी होने से आप अच्छी हेल्थ नहीं पा सकते हैं क्योंकि हरी सब्जियां और सिर्फ वेज डाइट में वह जरूरी पोषक तत्व कई बार नहीं पाए जाते हैं। हाल में एक नई रिसर्च में पाया गया है कि सभी फल-सब्जियां और शाकाहार कुपोषण और संतुलित डाइट न ले पा रहे लोगों के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे व्यक्ति का सिर्फ शाकाहार पर निर्भर रहना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके कई कारण है जैसे आपका शरीर कुपोषण का शिकार हो या उसे भरपूर संतुलित डाइट न मिल पाती हो। ऐसे में सिर्फ शाकाहारी होने से आप शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों की कमी रहेगी। रिसर्च में यह भी आगाह किया गया है कि अमीर देशों की जंगलों में बढ़ती घुसपैठ के कारण शाकाहारी होना जोखिम भरा है। खासतौर पर बदलती जलवायु के कारण फल-सब्जियां जहरीले हो सकते हैं। अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने कुछ पौधों का उल्लेख किया जो दुनिया भर में कुपोषित लोगों के लिए जी का जंजाल बन सकते हैं। शोधकर्ताओं की सूची में ये फल-सब्जियां शामिल हैं-
1- वेस्ट अफ्रीका में पाया जाने वाला एक सदाबहार फल और जमैका के लोगों का पसंदीदा फल (एकी) भी संभावित रूप से न्यूरोटॉक्सिक बताया गया है।
2- दुनिया भर में खाया जाने वालला दक्षिणी एशियाई फल फल लीची भी जहरीला बताया गया है।
3- एक तरह की घास जो भारत में साग-भाजी के तौर और अफ्रीका में भी खायी जाती है। इसे प्रोटीन युक्त माना जाता है इसको भी कुपोषित लोगों के नुकसानदायक बताया गया है।
4- कसावा, एक पौधा जिसकी जड़ों और पत्तियों का सेवन उप-सहारा में किया जाता है। यह कुपोषित लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये घास, फल-सब्जियां अगर इस्तेमाल में लाई जाती है तो तेजी से मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं या कसावा और मटर वाली घास इंसान को विकलांग बना सकती है। शरीर को अपंग वाले रोग उत्पन्न कर सकती है। हालाँकि, यह पौधों के उत्पादों की मात्रा के साथ खराब स्वास्थ्य वाले लोगों की खपत पर भी निर्भर करता है। वहीं इन पौधे के नुकसानदायक की समस्या गरीबी, भूख और तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकती है।
बेहतर स्वास्थ्य के लिए अब दुनिया भर के लोग शाकाहार को अपना रहे हैं। हालांकि सिर्फ शाकाहारी होने से आप अच्छी हेल्थ नहीं पा सकते हैं क्योंकि हरी सब्जियां और सिर्फ वेज डाइट में वह जरूरी पोषक तत्व कई बार नहीं पाए जाते हैं। हाल में एक नई रिसर्च में पाया गया है कि सभी फल-सब्जियां और शाकाहार कुपोषण और संतुलित डाइट न ले पा रहे लोगों के लिए अच्छा नहीं है। ऐसे व्यक्ति का सिर्फ शाकाहार पर निर्भर रहना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसके कई कारण है जैसे आपका शरीर कुपोषण का शिकार हो या उसे भरपूर संतुलित डाइट न मिल पाती हो। ऐसे में सिर्फ शाकाहारी होने से आप शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों की कमी रहेगी। रिसर्च में यह भी आगाह किया गया है कि अमीर देशों की जंगलों में बढ़ती घुसपैठ के कारण शाकाहारी होना जोखिम भरा है। खासतौर पर बदलती जलवायु के कारण फल-सब्जियां जहरीले हो सकते हैं। अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने कुछ पौधों का उल्लेख किया जो दुनिया भर में कुपोषित लोगों के लिए जी का जंजाल बन सकते हैं। शोधकर्ताओं की सूची में ये फल-सब्जियां शामिल हैं-
1- वेस्ट अफ्रीका में पाया जाने वाला एक सदाबहार फल और जमैका के लोगों का पसंदीदा फल (एकी) भी संभावित रूप से न्यूरोटॉक्सिक बताया गया है।
2- दुनिया भर में खाया जाने वालला दक्षिणी एशियाई फल फल लीची भी जहरीला बताया गया है।
3- एक तरह की घास जो भारत में साग-भाजी के तौर और अफ्रीका में भी खायी जाती है। इसे प्रोटीन युक्त माना जाता है इसको भी कुपोषित लोगों के नुकसानदायक बताया गया है।
4- कसावा, एक पौधा जिसकी जड़ों और पत्तियों का सेवन उप-सहारा में किया जाता है। यह कुपोषित लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये घास, फल-सब्जियां अगर इस्तेमाल में लाई जाती है तो तेजी से मस्तिष्क को प्रभावित कर सकते हैं या कसावा और मटर वाली घास इंसान को विकलांग बना सकती है। शरीर को अपंग वाले रोग उत्पन्न कर सकती है। हालाँकि, यह पौधों के उत्पादों की मात्रा के साथ खराब स्वास्थ्य वाले लोगों की खपत पर भी निर्भर करता है। वहीं इन पौधे के नुकसानदायक की समस्या गरीबी, भूख और तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण हो सकती है।
Mar 14 2024, 02:12 PM IST
Mar 10 2024, 09:10 PM IST
Mar 10 2024, 07:48 PM IST
Mar 04 2024, 12:24 PM IST
Feb 21 2024, 11:02 AM IST
Nov 21 2023, 10:46 AM IST
Nov 20 2023, 04:39 PM IST
Nov 20 2023, 10:27 AM IST
Aug 01 2023, 06:35 PM IST
May 23 2023, 02:05 PM IST
Mar 08 2022, 04:10 PM IST
Mar 07 2022, 07:04 PM IST
Sep 25 2023, 11:19 AM IST
Jul 09 2023, 10:46 AM IST
Jun 19 2023, 10:59 AM IST
Jun 07 2023, 11:48 AM IST
Jun 08 2022, 02:17 PM IST
Sep 06 2024, 12:15 PM IST
May 09 2024, 01:24 PM IST
Oct 11 2024, 11:46 AM IST
Oct 10 2024, 09:29 AM IST
Jan 19 2023, 06:47 PM IST
Jan 19 2023, 05:43 PM IST