चुनाव में हार - गर्लफ्रेंड की हत्या, कैसे गैंगस्टर बना लॉरेंस बिश्नोई?
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद एक बार फिर लॉरेंस का नाम चर्चाओं में है। हालांकि उसने स्टूडेंट से गैंगस्टर का सफर कैसे तय किया यह बेहद चौंकाने वाला है। फिलहाल पुलिस बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर जांच में जुटी है।
एनसीपी अजीत गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात को हत्या कर दी गई। लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने इस वारदात को अंजाम दिया है। गैंग की ओर से सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया गया। पोस्ट में लिखा गया कि 'सलमान खान और दाऊद की मदद करने वालों को छोड़ेंगे नहीं।'फिलहाल पुलिस इस पोस्ट की जांच में जुटी हुई है।
आपको बता दें कि लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल साबरमती जेल में बंद है। उसकी गैंग का नाम इसी साल 14 अप्रैल को सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग की घटना में भी आया था। आपको बता दें कि लॉरेंस का जन्म 12 फरवरी 1993 को पंजाब का फाजिल्का में हुआ था। लॉरेंस एक क्रिश्चियन नाम है जिसका मतलब है साफ और चमकता हुआ सफेद। हालांकि पुलिस के रिकॉर्ड में लॉरेंस का नाम सतविंदर सिंह दर्ज है।
लॉरेंस बचपन से ही लोगों की मदद करने वाला था और उसके पिता का सपना था कि बेटा आईएएस बने। अबोहर में 12वीं तक की पढ़ाई के बाद लॉरेंस चंडीगढ़ चला गया। यहां उसका दाखिला डीएवी कॉलेज में हुआ। बाद में उसने छात्र राजनीति में दिलचस्पी लेनी शुरू कर दी। 2011 में लॉरेंस ने चुनाव लड़ने के लिए संगठन बनाया और इसका नाम स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी रखा। चुनाव लड़ा लेकिन करारी हार मिली। इसके बाद वह अपमानित महसूस करने लगा और हार का बदला लेने का भूत उस पर सवार हुआ। उसने रिवाल्वर खरीदी और उस गैंग से जा भिड़ा जिससे उसकी हार हुई थी। दोनों गैंग के बीच हाथापाई और बहस के बाद पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या की साजिश जैसा केस दर्ज कर लिया। इसके बाद लॉरेंस आगे ही बढ़ता चला गया। कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया कि कॉलेज में लॉरेंस की दोस्ती एक लड़की से थी जो प्यार में बदल गई। चुनाव हारने के बाद उसकी गर्लफ्रेंड की हत्या कर दी गई। जिसके बाद ही उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। 2014 में लॉरेंस को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। लेकिन वह ज्यादा दिन गिरफ्त में न रह सका। इसके बाद 2016 में उसे फिर गिरफ्तार किया गया और तब से वह जेल में बंद है।