मां की बारी

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माँ...जिसने बचपन में हर सवाल का जवाब दिया,हर बार, हर बार, हर बार —बिना थके, बिना झुंझलाए।आज जब उम्र की दहलीज़ पर माँ वही सवाल बार-बार दोहराती है,तो बस इतना याद रखिए —पहले हमारी बारी थी, अब माँ की बारी है।"Maa Ki Baari" एक नज़्म है उन माओं के लिए,जो बुज़ुर्ग होते-होते बच्चों जैसी मासूम हो जाती हैं।Mother’s Day पर आइए,AsiaNet News Hindi और Vineet KKN 'Panchhi' के साथएक News Se Break लें —माँ की वो हल्की सी मुस्कान, वो धीमी सी आवाज़ फिर से सुनने का।

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