3 बार हुए फेल चौथी बार में पास किया UPSC, किसान के बेटा कैसे बना IAS? सुनिए खुद की जुबानी

वीडियो डेस्क। राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां उपखंड के रामनगर रामपुरा भाटियान में रहने वाले एक अनपढ़ मां बाप के बेटे का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ है, जी हां यह कहानी मेहनत करने वाले सोहनलाल सियाग की है।

/ Updated: Jun 02 2022, 11:50 AM IST

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वीडियो डेस्क। राजस्थान के जोधपुर जिले के ओसियां उपखंड के रामनगर रामपुरा भाटियान में रहने वाले एक अनपढ़ मां बाप के बेटे का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ है, जी हां यह कहानी मेहनत करने वाले सोहनलाल सियाग की है। सोहनलाल के पिता रामनगर में खेती का काम करते हैं तो सोहन लाल की मां मीरादेवी आज मनरेगा में मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रही है, किसान गोरधन राम के 2 पुत्र व 2 पुत्रियां हैं जिन में एक बड़ा बेटा श्रवण साइबर एक्सपर्ट है और इस समय अमेरिका में पीएचडी कर रहा है वही बड़ी बहन बसंत राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रही है तो वही छोटी बहन सुमता बीएड कर रखी है और इस समय टीचर की तैयारी जयपुर में कर रही है भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन होने पर सोहनलाल से बात की तो बताया लगातार प्रयास करते रहने से सफलता जरूर हासिल होती है तीन बार प्रशासनिक सेवा की तैयारी कि जब सलेक्शन नहीं हुआ तो दूसरा काम करने की मन में आई लेकिन जहन में एक सवाल आया कि क्यों ना एक अंतिम मौका और लिया जाए लेकिन तैयारी के लिए किसी कोचिंग को ज्वाइन नहीं किया वे लगातार यूट्यूब पर 8 घंटे पढ़ाई करते रहे और नोट्स बनाते रहे लेकिन सोहनलाल बताते हैं कि मेरे भाई ने मुझे कहा की जब प्राइवेट नौकरी ही करनी है तो बाद में भी कर लेंगे तब सोहनलाल का हौसला और बड़ा और तैयारी में जुट गए पहली बार जब इंटरव्यू तक पहुंचा लेकिन सलेक्शन नहीं होने से मायूस नहीं हुए लगातार तैयारी करते रहें फिर दूसरी और तीसरी बार में भी प्री यूपीएससी में क्लियर नहीं हुए लेकिन आखिरकार चौथी बार में यूपीएससी में ऑल इंडिया में 681 रैंक हासिल हुई। सोहनलाल ने अपनी स्कूली शिक्षा गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय रामपुरा भाटियान स्कूल में ही की लेकिन 11वीं में कोचिंग करने के लिए कोटा आ गए और कोटा से आईआईटी मुंबई में सिलेक्शन हो गया और 2018 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की लगातार 4 साल के बाद अब सोहनलाल का भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हुआ है, सोहनलाल के पिता गोरधनराम ने बताया कि मुझे खुशी है कि मेरे बच्चे ने हमारी मेहनत को सफल कर दिया मैंने मेरे बेटे को एक ही सलाह दी थी मोबाइल के बिना नहीं रह सकते लेकिन जितना हो सके मोबाइल से दूर रहना और अब हमें खुशी है कि मेरे बेटे ने परिवार और समाज का नाम रोशन किया है लेकिन इस दौर में अनपढ़ मां बाप ने अपने बेटे को पढ़ा कर आज भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन होने पर लगातार सोहनलाल को बधाइयां मिल रही है।