अयोध्या में स्थित है विभीषण पुत्र मतगजेंद्र का पौराणिक मंदिर, कहानी भी है बेहद दिलचस्प

वीडियो डेस्क। रामनगरी अयोध्या में लंकाधिपति विभीषण के पुत्र मतगजेंद्र की पूजा होती है। रामजन्मभूमि के समीप बना ये मंदिर बेहद प्राचीन है। त्रेता काल से ही होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगल को यहां मेला लगता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार लंका विजय के बाद भगवान राम के साथ बंदर, भालू सहित विभीषण और उनके पुत्र मत गजेंद्र भी अयोध्या आए थे। 

/ Updated: Mar 23 2022, 11:14 AM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

वीडियो डेस्क। रामनगरी अयोध्या में लंकाधिपति विभीषण के पुत्र मतगजेंद्र की पूजा होती है। रामजन्मभूमि के समीप बना ये मंदिर बेहद प्राचीन है। त्रेता काल से ही होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगल को यहां मेला लगता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार लंका विजय के बाद भगवान राम के साथ बंदर, भालू सहित विभीषण और उनके पुत्र मत गजेंद्र भी अयोध्या आए थे।  विभीषण ने कुछ दिनों तक अयोध्या में प्रवास किया बाद में श्रीराम की आज्ञा पाकर वे लंका चले गए और अपना राज्य संभाला।  लेकिन विभीषण के पुत्र मतगजेंद्र यहीं रुके रहे और भगवान राम की सेवा की। उन्हें भगवान ने अपने आवासीय परिसर रामकोट के उत्तर पूर्व सिरे पर आश्रम प्रदान किया।