बीएचयू में पुस्तक प्रदर्शनी का हुआ आयोजन 'भारतीय भाषाओें में राम' बनी चर्चाओं का केंद्र 

बीएचयू के कला संकाय में पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। यहां भारतीय भाषाओं में राम पुस्तक छात्रों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। इस पुस्तक को तैयार करने में दस साल लगे हैं। 

/ Updated: Aug 23 2022, 04:42 PM IST

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BHU के कला संकाय स्थित राधाकृष्णन हाल की पुस्तक प्रदर्शनी में पहली बार आई किताब राम कथा का काफी चर्चा में है। हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस किताब की चर्चा की है। चार भाग में प्रकाशित यह किताब श्रीराम से जुड़े कई रहस्यों का पर्दाफाश करती है। अलग-अलग राज्यों में राम के भी कई स्वरूप हैं। जम्मू से लेकर त्रिपुरा, छत्तीसगढ़ के अरण्यक से लेकर दक्षिण के किष्किंधा तक और चित्रकूट से लेकर मिथिला में राम की प्रचलित कहानियों की जानकारियां होती हैं।
वाणी प्रकाशन के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण माहेश्वरी के अनुसार, किताब को तैयार करने में कुल 10 साल लग गए। इसमें 300 से ज्यादा विद्वानों और लेखकों की बातें कहीं गईं हैं। इस किताब को भारत की कुल 20 भाषाओं में प्रकाशित किया गया है। रामकथा किताब की सभी कहानियों का आधार आर्कियोलॉजी है। पुरातात्विक जांच-परख और तथ्यों के आकलन के बाद ही किताब में राम से जुड़ी कहानियों का सार दिया गया है।
साउथ ईस्ट एशिया में भगवान राम की संस्कृति कैसे पहुंची, इसकी खोज जारी है। म्यांमार, थाइलैंड, मलेशिया, कंबोडिया, लाओस में प्रचलित रामकथापर जल्द ही रहस्यों का पर्दाफाश होगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बुक फेयर में आए विद्वानों और वाणी प्रकाशन के सदस्यों ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि काफी रिसर्च के बाद त्रिपुरा के पहाड़ों में भगवान राम की संस्कृति और स्थापत्य का पता चला है।