श्रीकृष्ण विराजमान मामले में 6 अप्रैल तक टला फैसला, मुस्लिम पक्ष पर अदालत को गुमराह करने का लगाया आरोप

जिला जज की अदालत में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका पर रिवीजन के तौर पर न्यायालय ने सुनवाई की इस दौरान न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 6 अप्रैल को मूकर्र किया है। न्यायालय में श्री कृष्ण विराजमान द्वारा लगाई गई 13.37 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करेगा।

/ Updated: Mar 23 2022, 10:59 AM IST

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मथुरा: जिला जज की अदालत में श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका पर रिवीजन के तौर पर न्यायालय ने सुनवाई की इस दौरान न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 6 अप्रैल को मूकर्र किया है। न्यायालय में श्री कृष्ण विराजमान द्वारा लगाई गई 13.37 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करेगा।

मंगलवार को जिला जज की अदालत में श्री कृष्ण विराजमान की याचिका पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष शाही ईदगाह कमेटी की ओर से अपना जवाब दाखिल किया गया। मुस्लिम पक्ष द्वारा श्री कृष्ण विराजमान की याचिका को गलत बताते हुए कहा कि यह नॉट मेंटेनेबल है और इनको याचिका दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही उन्होंने पूर्व समझौते का भी हवाला दिया।आपको बता दें कि श्री कृष्ण विराजमान पक्ष द्वारा श्री कृष्ण जन्म भूमि की 13.37 एकड़ भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर याचिका दायर की गई है। साथ ही  मथुरा की शाही ईदगाह को श्री कृष्ण जन्मभूमि का हिस्सा बताया है। फिलहाल न्यायालय अगली सुनवाई 6 अप्रैल को करेगा। अब 6 अप्रैल को जिला जज की अदालत में डिवीजन के तौर पर चल रही श्री कृष्ण विराजमान की याचिका पर न्यायालय सुनवाई करेगा पर याचिकाकर्ता इस मामले पर अपना पक्ष रखेंगे।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि को कब्ज़ा मुक्त कराने के लिए अब तक तकरीबन एक दर्जन से अधिक याचिकाएं न्यायालय में दायर की जा चुकी हैं। श्री कृष्ण विराजमान के साथ-साथ श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन और अन्य हिंदूवादी संगठनों ने अपनी याचिका दाखिल की है। शाही ईदगाह मस्जिद का 2.65 एकड़ हिस्सा जो कि अवैध बताया गया है।