वकील से 15 लाख की रिश्वत मांगने वाला दिल्ली पुलिसकर्मी हुआ गिरफ्तार, SDM व CO सिटी ने बरामद की मोटी रकम

बदायूं निवासी वकील नेकपाल कश्यप से बारह लाख रुपए की रिश्वत मांगने के मामले में पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम ने दिल्ली क्राइम ब्रांच के दरोगा पवन राणा व कांस्टेबल कुलदीप यादव को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। 
 

/ Updated: Mar 15 2022, 12:06 PM IST

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बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं के अधिवक्ता से रिश्वत लेने आए दिल्ली पुलिस के दरोगा व सिपाही समेत चार लोगों को लोकल पुलिस ने ट्रैपिंग के बाद धर दबोचा, जांच के बाद पकड़ी गई महिला सिपाही व ड्राइवर को हिदायत देकर छोड़ा गया है, जबकि दरोगा व सिपाही के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा कायम किया गया है। अधिवक्ता से वसूले गए 1.60 लाख रुपये भी आरोपियों के पास से बरामद हुए हैं।

बदायूं पहुंचा था प्रेमी युगल
सिविल लाइंस थाना क्षेत्र की आवास विकास कॉलोनी निवासी अधिवक्ता नेकपाल कश्यप कलेक्ट्रेट परिसर में विधि व्यवसाय करते हैं। वह भाजपा के जिला उपाध्यक्ष भी हैं। नवंबर में दिल्ली के कालका जी थाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती प्रेम प्रसंग के चलते बरेली के थाना शाही इलाके के गांव आनंदपुर के युवक के साथ चली गई थी। युवती के परिजनों ने इस घटना का मुकदमा कालका जी थाने में दर्ज कराया था।

दिल्ली से यह युगल सीधे बदायूं पहुंचा और अधिवक्ता नेकपाल से मिला। तहरीर के मुताबिक प्रेमी युगल ने शादी का प्रार्थना पत्र सक्षम अधिकारी के यहां देने के लिए शपथपत्र बनाने को कहा तो अधिवक्ता ने शपथपत्र बना दिया। इसके बाद युगल वहां से चला गया। युगल को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया तो दस्तावेज आदि देखे गए, जबकि रविवार को दरोगा पवन राणा, सिपाही कुलदीप यादव के अलावा एक महिला सिपाही व ड्राइवर कार से बदायूं आ धमके।

12 लाख रुपये में तया हुआ सौदा 
तहरीर के मुताबिक दरोगा ने अधिवक्ता से कहा कि इस केस में तुम फंस जाओगे। बचना है तो 15 लाख रुपये देने होंगे। काफी देर बाद 12 लाख में सौदा हो गया। इसके तहत दो लाख रुपये 14 मार्च यानी आज दिए जाने थे और बाकी के 10 लाख रुपये 15 मार्च को देने की बात तय हुई थी। रात का खाना भी इन लोगों ने अधिवक्ता के रुपयों से ही खाया और सात सौ रुपये का बिल लगा। अधिवक्ता नेकपाल ने सोमवार सुबह जिला बार एसोसिएशन के सचिव संदीप मिश्रा को पूरा मामला बताया तो सचिव उन्हें एसएसपी डॉ. ओपी सिंह के पास ले गए। यहां एसएसपी को पूरे प्रकरण की जानकारी दी तो एसएसपी ने एसडीएम सदर व सीओ सिटी आलोक मिश्रा को ट्रैपिंग का निर्देश दिया। अधिवक्ता ने पांच सौ रुपये के नोट जोड़कर 1.60 लाख रुपये जुटाए थे। इन सभी नोटों के नंबर भी अलग से उतार लिए गए।

ऐसे हुई धरपकड़
दोपहर को दरोगा व सिपाही कार से अधिवक्ता के पास पहुंचे और रकम मांगी। पहले शहर के नेकपुर इलाके में गए, जबकि बाद में कहा कि और किसी स्थान पर चलो। इसके बाद उसावां रोड पर सिंग्लर मिशन स्कूल के पास रकम ली और चलते बने। बाकि के 10.40 लाख रुपये कल हर हाल में देने को कहा। इसके बाद इन लोगों ने कार दौड़ा दी, लेकिन कुछ दूरी पर बाइक से एसडीएम व सीओ सिटी अपनी टीम के साथ इनका पीछा कर रहे थे। दातागंज तिराहे के पास घेराबंदी के बाद कार पकड़ ली और उसमें से रकम बरामद हो गई। दरोगा के पास रिवाल्वर भी मिली है। सभी को थाने लाकर बयान दर्ज किए गए, जबकि बाद में महिला सिपाही व ड्राइवर को छोड़ दिया गया। वहीं, दरोगा व सिपाही के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। सीओ सिटी ने बताया मुकदमा लिखा जा चुका है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को भी इसकी जानकारी दी गई है।