संस्कृतियों की फुलवारी से सजी उत्तराखंड कौथिग की शाम, भव्य कार्यक्रमों के साथ गाजियाबाद में हुआ विशेष आयोजन

उत्तराखंड जन कल्याण समिति इंद्रप्रस्थ (पंजी.) गाजियाबाद द्वारा दो दिवसीय (12 से 13 मार्च 2022) उत्तरैणी मकरैणी कौथिग 2022 का सफल आयोजन किया गया। यह उत्तराखंड का सांस्कृतिक व पौराणिक त्योहार है। हालांकि हर जगह कुछ न कुछ अलग रूप से इसे मनाया जाता है।

/ Updated: Mar 16 2022, 04:27 PM IST

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गाजियाबाद: उत्तराखंड जन कल्याण समिति इंद्रप्रस्थ (पंजी.) गाजियाबाद द्वारा दो दिवसीय (12 से 13 मार्च 2022) उत्तरैणी मकरैणी कौथिग 2022 का सफल आयोजन किया गया। यह उत्तराखंड का सांस्कृतिक व पौराणिक त्योहार है। हालांकि हर जगह कुछ न कुछ अलग रूप से इसे मनाया जाता है। सरयू के तट को सरयू बगड़ कहा जाता है। यहां आयोजित किए जाने वाले मेले ने लोगों को जोड़ने का काम किया। लोग दूर- दूर से आकर यहां पर रुकते थे। 

मान्यताओं के अनुसार 14 जनवरी को तवाणी (गरम पानी का स्नान) और (15) को शिवाणी (ठंडे पानी का स्नान) किया जाता है। उत्तराखंड में यह बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। लोग पूड़ी, खीर, हलवा घुघुते (आटा और गुड़ मिलाकर बनाया जाने वाला पहाड़ी व्यंजन) बनाते हैं। पिछले साल यह कौथिग जनवरी माह में मनाया गया था। परंतु कोविड के चलते इस वर्ष समिति द्वारा इसे मार्च में मनाने का फैसला लिया गया।

12 मार्च को इस दिन पहले कलश यात्रा व मां नंदा देवी का डाला निकाला गया उसके बाद दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम को शुरू किया गया। पहले कॉलोनी के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए उसके बाद उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध लोक गायक दिलीप रावत, नीरज पंवार, आनंद नौटियाल, प्रियंका तिवारी, राजेन्द्र बिष्ट, नीमा भंडारी, भगवत मनराल, (नृत्य निर्देशक) चंदन फुलारा, मनोज आर्या, नरेंद्र अजनबी आदि कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करके लोगों का दिल जीता, इस दिन मुख्य अतिथि के रूप में नरेंद्र नौटियाल जी सामाजिक कार्यकर्ता रहे जिनका स्वागत कोषाध्यक्ष श्री जितेंद्र देवलियाल जी व मीडिया प्रभारी श्री ललित बिष्ट जी ने केदारनाथ धाम की स्मृति चिन्ह देकर किया। कौथिग मेंले में कई उत्तराखंड व्यंजनों, परिधानों के स्टॉल भी लगाए गए।