Exclusive: काशी में शुरू हुआ श्री राम के जीवन पर आधारित पहला वर्चुअल स्कूल, जानिए क्या है खास

भगवान श्री राम के आदर्शों एवं रामायण के संस्कारों को अभिनव तरिकों से जन-जन तक लेकर जाने के उद्देश्य से शुरू हुए विश्व के पहले वर्चुअल विद्यालय स्कूल ऑफ राम द्वारा आगामी दिनों में रामायण में प्रबंधन की शिक्षा दी जाएगी।

/ Updated: Mar 21 2022, 04:07 PM IST

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वाराणसी : शास्त्रों में लिखा है धारयती इति धर्मम् अथार्त "धर्म" शब्द की उत्पत्ति "धारण" शब्द से हुई है जिसे धारण किया जा सके वही धर्म है। यह धर्म ही है जिसने समाज को धारण किया हुआ है। अतः यदि किसी वस्तुमें धारण करने की क्षमता है तो निस्सन्देह वह धर्म है। इसी भाव को आत्मसात करते हुए भगवान श्री राम के आदर्शों एवं रामायण के संस्कारों को अभिनव तरिकों से जन-जन तक लेकर जाने के उद्देश्य से शुरू हुए विश्व के पहले वर्चुअल विद्यालय स्कूल ऑफ राम द्वारा आगामी दिनों में रामायण में प्रबंधन की शिक्षा दी जाएगी। स्कूल ऑफ राम के संस्थापक,संयोजक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्यनरत विद्या भारती के पूर्व छात्र प्रिंस तिवाड़ी ने बताया कि स्कूल ऑफ राम 24 मार्च को अपना एक वर्ष पूरा करेगा। और इस पहले स्थापना दिवस को और खास बनाने के लिए स्कूल ऑफ राम ने रामायण में प्रबंधन नामक एक माह के प्रमाणपत्रीय कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है।

 इस पाठ्यक्रम की सबसे खास बात यह होगी की इसका हिस्सा बनने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। कोई व्यक्ति, किसी भी आयुवर्ग के महिला-पुरुष इस पाठ्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं। इस पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए प्रतिभागियों को किसी नियत शुल्क की बजाय रामायण,रामकथा या भगवान राम से सबंधित कोई भी एक पुस्तक स्कूल ऑफ राम को भेंट करनी होगी। तत्पश्चात वे इस कोर्स का हिस्सा बन पाएंगे। प्रिंस ने बताया कि हम एक ऐसा रामायण ग्रंथालय तैयार करना चाह रहे हैं जिसमें विश्वभर की सभी भाषाओं में लिखित रामकथा,रामायण,भगवान राम से जुड़ी सभी पुस्तकें संग्रहित हों। अभी हालहीं में एक हजार से भी अधिक लोग स्कूल ऑफ राम के विभिन्न कोर्सेज में अपना अध्ययन कर रहे हैं। वो सभी इस ग्रंथालय के लिए अपना सहयोग करेंगे। साथ ही समाज के भी विभिन्न प्रबुद्धजनों से इस हेतु संपर्क किया जाएगा।