विधवा महिलाओं की जिंदगी में रंग भर रहा शुलभ होप फाउंडेशन, वृंदावन की सैकड़ों विधवा माताओं ने एक साथ खेली होली

जिन माताओं की जिंदगी अपनों की वजह से बदरंग हो गई थी उन माताओं की जिंदगी में रंग भरने का कार्य कर रही है सुलभ होप फाउंडेशन। आश्रय सदनों में रहने वाली विधवा माताओं के साथ होली, दीपावली और प्रमुख त्यौहारों को लगातार सुलभ होप फाउंडेशन मनाता चला आ रहा है। 

/ Updated: Mar 16 2022, 03:12 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

मथुरा: जिन माताओं की जिंदगी अपनों की वजह से बदरंग हो गई थी उन माताओं की जिंदगी में रंग भरने का कार्य कर रही है सुलभ होप फाउंडेशन। आश्रय सदनों में रहने वाली विधवा माताओं के साथ होली, दीपावली और प्रमुख त्यौहारों को लगातार सुलभ होप फाउंडेशन मनाता चला आ रहा है। वृंदावन स्थित गोपीनाथ मंदिर में सैकड़ों विधवा माताओं के साथ होली के रंग बिखेरे गए। यह माता है होली खेल अपने जीवन में खुशी का अनुभव कर होली का आनंद लेती हुई दिखाई दीं।

जमकर उड़ाए गए फूल और गुलाल
कोरोना काल से जैसे ही लोगों को राहत मिली और होली का अवसर लोगों के लिए एक खुशी लेकर आया। होली के त्यौहार पर हर कोई रंगों की मस्ती में रंगीन होकर होली खेल रहा है। अपनों की ठुकराई हुईं विधवा माताएं जिन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि उनकी जिंदगी में वह रंग वापस लौट कर आएंगे जिनका उन्हें इंतजार था। वृंदावन के आश्रय सदनों में हजारों विधवा माताएं अपना जीवन यापन कर रही हैं। सामाजिक संस्थाओं के द्वारा त्यौहार पर इन माताओं के साथ हर उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाते है। वृंदावन स्थित गोपीनाथ मंदिर में सुलभ होप फाउंडेशन की ओर से विधवा माताओं के जीवन को रंगीन करने के लिए होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया। होली मिलन समारोह में सैकड़ों विधवा माताओं ने एक दूसरे के साथ होली खेलकर उस अलौकिक पल का लुफ्त उठाया। सामाजिक संस्था सुलभ होप फाउंडेशन के द्वारा आयोजित किए गए होली के कार्यक्रम में कई कुंटल गुलाल और फूलों की वर्षा की गई। होली का वह अलौकिक और अद्भुत पल उन विधवा माताओं के जीवन में रंग भरने का हर साल कार्य कर रहा है जो माताएं देश के विभिन्न राज्यों से आकर वृंदावन के आश्रय सदनों में रह रही हैं। 

विधवा माताओं के साथ मनाते हैं हर त्यौहार
विधवा माता ने बताया कि जिस तरह से हमारे साथ बिंदेश्वरी पाठक हर त्यौहार को मनाते हैं हम बहुत खुश हैं। एक समाजसेवी के रूप में हम विधवा माताओं को एक ऐसा बेटा मिला है जो हमें कभी घर की कमी नहीं खलने देता। होली हो, दीपावली हो या रक्षाबंधन हो हर त्यौहार को हमारे साथ वृंदावन आकर मनाता है। अपनों ने तो हमें ठुकरा दिया, लेकिन बांके बिहारी की कृपा से आज हम जिल्लत की जिंदगी नहीं जी रहे हैं और एक सम्मान हमको समाज नहीं दे सका वह हमें विंधेश्वरी पाठक दे रहा है। 

जमकर विधवा माताएं थिरकी भजनों की तान पर
यमुना किनारे स्थित गोपीनाथ मंदिर में होली उत्सव का आयोजन किया गया। होली के उत्सव का आनंद ले रही विधवा माताएं भजनों की तान पर थिरकती नजर आईं। एक दूसरे के साथ हंसी ठिठोली करती तो कभी भजनों पर झूमती नज़र आतीं।