राममंदिर: जमीन खरीद फरोख्त मामले में होगी सख्ती से जांच

 सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले  पर सक्त से सक्त कार्यवाही की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि योगी सरकार का सिर्फ अयोध्या के लिए ही नहीं बल्कि पिछले पांच साल में पूरे प्रदेश के लिए यहीं ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।

/ Updated: Dec 23 2021, 03:43 PM IST

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अयोध्या: अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत से ही अलग अगल विभागीय अफसरों ने व नेताओं ने अपने रिश्तेदारों के नाम जमीन खरीदी थी, इसे लेकर राम मंदिर के पांच किलोमीटर के दायरे में विधायक, महापौर और पुलिस-प्रशासन के कई अधिकारियों व कर्मचारियों के रिश्तेदारों के नाम पर जमीनें खरीदने के मामले की राज्य सरकार अब जांच कराएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह को मामले की जांच कराने का आदेश दिया है। अपर मुख्य सचिव राजस्व ने विशेष सचिव राजस्व राधेश्याम मिश्रा को मामले की जांच कर पांच दिन में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। विशेष सचिव राजस्व मौके पर जाकर जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे। अयोध्या राममंदिर जमीन खरीद-फरोख्त में जांच के आदेश दिए। यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले  पर सक्त से सक्त कार्यवाही की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि योगी सरकार का सिर्फ अयोध्या के लिए ही नहीं बल्कि पिछले पांच साल में पूरे प्रदेश के लिए यहीं ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।

कुल 44557 वर्ग मीटर जमीनें ली गईं
राम जन्मभूमि क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में एक मंडलायुक्त के ससुर ने 2530 स्क्वायर मीटर और उनके साले ने 12060 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी। एक डीआईजी की साली ने 1020 स्क्वायर मीटर जमीन खरीदी। अयोध्या में तैनात रहे एक मुख्य राजस्व अधिकारी ने साले व उनकी पत्नी के लिए 1130 स्क्वायर मीटर जमीन ली। भाजपा विधायक के साले ने 2593 स्क्वायर मीटर व 6320 स्क्वायर मीटर जमीन ली। एक ट्रस्ट के नाम पर 9860 स्क्वायर मीटर जमीन ली गई। भाजपा के एक अन्य विधायक और उनके भतीजे ने 5174 स्क्वायर मीटर जमीन ली। एक रिटायर्ड आईएएस ने 1680 स्क्वायर मीटर, मेयर ने 1480 स्क्वायर मीटर जमीन ली। एक सूचना आयुक्त ने पत्‍नी वे बेटे के नाम पर, पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य ने, लेखपाल व कानूनगो ने भी जमीनें ली हैं।

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