केशव मौर्य ने समाजवाद को बताया 'बम और कट्टा बनाने की फैक्ट्री'

उपमुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये गये उत्कृष्ट व उल्लेखनीय कार्यों के लिये लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों की सराहना करते हुये कहा कि सड़कों के बिना विकास अधूरा लगता है, सड़कें विकास के नये द्वार खोलती हैं और प्रदेश में सड़कों व पुलों का जाल बिछाकर उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में लोक निर्माण विभाग द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य किया गया है।

/ Updated: Jan 04 2022, 07:40 PM IST

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लखनऊः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) ने मंगलवार को लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में वर्चुअल रूप से प्रदेश के जिलों की रू0 10,725 करोड़ की कुल 8413 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रम के तहत रू0 5036 करोड़ की लागत से 353 विधानसभा क्षेत्रों की 4703 मार्गों, जिनकी लम्बाई 8737 किमी0 है का तथा रू0 1698 करोड़ की लागत के 79 विधानसभा क्षेत्रों के अन्तर्गत 132 सेतुओं का शिलान्यास किया गया है, जिसमें 100 लघु सेतु व 32 दीर्घ सेतु हैं। इस दौरान 74 सेतुओं व 3503 मार्गों के कार्यों का लोकार्पण भी उपमुख्यमंत्री द्वारा किया गया। 

जानिए उपमुख्यमंत्री ने क्या कहा
उपमुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये गये उत्कृष्ट व उल्लेखनीय कार्यों के लिये लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों की सराहना करते हुये कहा कि सड़कों के बिना विकास अधूरा लगता है, सड़कें विकास के नये द्वार खोलती हैं और प्रदेश में सड़कों व पुलों का जाल बिछाकर उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में लोक निर्माण विभाग द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य किया गया है। मौर्य ने कहा कि नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, मुख्य जिला मार्ग, अन्य जिला मार्ग और जहां पर 7 मी0 तक चैड़ी सड़कें बनी हैं उनसे 5 किमी0 दूरी तक के गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने का कार्य किया गया है। उन्होने कहा कि 2017 से पूर्व प्रदेश में 6000 किमी0 राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई थी, जो अब बढ़कर 12000 किमी0 हो गयी है। निर्माण कार्यों में सभी बाधाओं को दूर करते हुये, निर्माण कार्यों को कराया गया है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नयी व आधुनिक तकनीक का उपयोग करके अच्छी व गुणवत्तापूर्ण सड़कें तो बनायी ही गयीं हैं, साथ ही साथ बहुत बड़ी धनराशि की बचत भी की गयी है, जिससे गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने में सफलता प्राप्त की गयी है। मार्गों के डिजाइन में परिवर्तन के फलस्वरूप मार्ग निर्माण की लागत एवं सामग्री की खपत में 20 से 25 प्रतिशत की कमी आयी है तथा इससे पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन को बढावा मिला है। लगभग 45.9 एम0टी0 कार्बन उत्सर्जन की कमी आयी है। प्रदेश में सड़कों का निर्माण करके प्रदेश के विकास की रफ्तार को तेज किया गया है, इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं आवागमन की बेहतर सुविधा के साथ-साथ किसानों, व्यापारियों व आम जनमानस को विपणन सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलेगा। इस दौरान प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम द्वारा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कराये गये कार्यों की डाक्यूमेन्ट्री फिल्म के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। इस डाक्यूमेन्ट्री फिल्म को लोक निर्माण विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने तथा जिलों को भी भेजने के निर्देश उपमुख्यमंत्री द्वारा दिये गये। 

उपमुख्यमंत्री द्वारा अवध क्षेत्र के 13 जिलों की 1081 परियोजनाओं, गोरखपुर क्षेत्र के 09 जिलों की 445 परियोजनाओं, काशी क्षेत्र के 10 जिलों के 365 परियोजनाओं, कानपुर एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 14 जिलों की 699 परियोजनओं, ब्रज क्षेत्र के 11 जिलों की 737 परियोजनाओं, पश्चिम क्षेत्र के 11 जिलों की 154 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया तथा पश्चिम क्षेत्र की 620 परियोजनाओं, ब्रज क्षेत्र की 630 परियोजनाओं, कानपुर एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र की 696 परियोजनाओं, अवध क्षेत्र की 1045 परियोजनाओं, गोरखपुर क्षेत्र की 851 परियोजनाओं तथा काशी क्षेत्र की 805 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।

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