90 के दशक में पकड़े गए दस्यु के हथियार, पुलिस ने किया डीएम को सरेंडर
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में लगातार न्यायालय के आदेशों पर थानों में जमा सालों से रखें अवैध हथियार व पकड़ी गई अवैध शराब के साथ-साथ थानों में खड़े वाहनों की नीलामी की जा रही है।
कहते हैं समय समय की बात है कि कब किस का समय कहा से बदल जाए एक समय हुआ था जब 90 के दशक में बीहड़ों में दस्यु का आतंक हुआ करता है उनके पास एक से बढ़कर एक महंगे हथियार हुआ करते थे जिनका सामना पुलिस भी करने में डरा करती थी लेकिन आज वही हथियार जमीन में पड़े हुए हैं और उनको हाथ में पकड़कर चलाने वाला भी कोई नहीं है।
औरैया: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में लगातार न्यायालय के आदेशों पर थानों में जमा सालों से रखें अवैध हथियार व पकड़ी गई अवैध शराब के साथ-साथ थानों में खड़े वाहनों की नीलामी की जा रही है, लेकिन जहां अवैध हथियार और पकड़ी गई शराब को नष्ट किया जा रहा है । तो वहीं औरैया जिले की पुलिस ने 90 के दशक में पकड़े गए दस्यु के साथ हत्यारों को नष्ट नहीं किया गया है। बल्कि उन्हें जिला अधिकारी के आदेश पर सदर मालखने में जमा कर भेज दिया गया।ये उस जमाने के सबसे महंगे हथियार बताए जा रहे है। जिनकी कीमत आज लाखो में होगी साथ ही उस समय यह हथियार ज्यादतर इन दस्यु के पास ही मिला करते थे जिनकी दहशत से आस पास गांव शहरों के लोग डर डर के जीवन यापन करते थे।
न्यायालय के आदेश पर हुई कार्रवाई
जहां औरैया जिले के अयाना थाना क्षेत्र में सालों से बड़े माल खाने में अवैध हथियारों को नष्ट किया जा रहा है न्यायालय के आदेश पर तो वही थाने में रखे दस्यु के यह हथियार भी आज बेनाम हो चुके हैं। इन हथियारों की वजह से जहा लोगो मे दहशत हुआ करती थी कभी जिसे पुलिस की ही मेहनत से आज बीहड़ से बागी और दस्यु खत्म किए गए तो कई दस्यु ने पुलिस के सामने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया।लेकिन दस्यु तो आज नही रहे पर आज भी उन के यह लाइसेंसी मंहगे हथियार थानों में जमा है।लेकिन समय के साथ साथ आज इन हथियारों को हाथ मे लेकर चलाने वाला कोई नही है।क्योंकि जिस के यह हथियार थे वह आज इस दुनिया मे ही नही है।पुलिस एक तरफ न्यायलय के आदेशों पर थाने में रखे और अवैध हथियारों को कटर चलकर नष्ट कर रही है तो वही दस्यु के इन हथियारों को नष्ट न कर सही सलामत जिलाधिकारी की निगरानी में सुपुर्द कर दिए गए है।
एसपी अभिषेक वर्मा ने हथियारों को किया नष्ट
एसपी अभिषेक वर्मा ने इन हथियारों को नष्ट न करने की वजह भी बताई है, जिसमे कहा है कि यह सभी हथियार महंगे और लाइसेंसी हथियार है।जिनमे एलमजी 315 की राइफल है 303 डबल बैरल की सेमी राइफल है यह सभी लाईसेंस और महंगे हथियार है इन हथियारों को जिलाधिकारी के आदेश पर सदर मालखाने में डिपोजिट किया गया है।