आखिर कौन भड़का रहा बांग्लादेश की हिंसा? सड़कों पर सेना और सब अस्त व्यस्त
बांग्लादेश में हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच सरकार की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं और हिंसा से जुड़ा ISI व पश्चिमी देशों के एनजीओ का कनेक्शन भी तलाशा जा रहा है।
बांग्लादेश में हुए गृह यु्द्ध जैसे हालातों के पीछे का असली कारण छात्रों का प्रदर्शन है। आरक्षण के मुद्दे को लेकर शुरू हुआ यह प्रदर्शन अब संघर्ष में बदल चुका है। हालांकि जिस हिसाब से प्रदर्शन अचानक हिंसक हुआ उसके बाद सरकार भी हैरान है। प्रदर्शन को भड़काने के मामले में अब सरकार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पश्चिमी देशों के एनजीओ की भूमिका की भी जांच कर रही है। इस बीच छात्र शाखा 'छात्र शिबिर' का नाम हिंसा भड़काने के मामले में आ रहा है। फिलहाल पूरा बांग्लादेश इस हिंसा के चलते प्रभावित है और तमाम जगहों पर कर्फ्यू लगा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि आईएसआई का मकसद विरोध प्रदर्शन के जरिए सरकार को अस्थिर करना है। इसी के साथ बीएनपी को फिर से सत्ता में लाने का प्लान भी चल रहा है। सरकार इस प्लान के मद्देनजर विपक्षी नेताओं की गतिविधियों पर नजर भी बनाए हुए है। नौकरियों में कोटा के खिलाफ कैसे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन एक राजनीतिक आंदोलन में बदला यह बड़ा सवाल है। वहीं कुछ एक्सपर्ट कहते हैं कि कई मुद्दे और भी हैं जो इस प्रदर्शन का कारण बने हैं। बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था कई सालों तक काफी मजबूत रही और बुनियादी ढांचे में भी सुधार हुआ। हालांकि अब विकास धीमा हो गया और बेरोजगारी व महंगाई भी बढ़ी है। जिससे लोगों में निराशा का माहौल है।