बिजनेस डेस्क। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी के कारोबारी साम्राज्य का जहां दिन दूनी रात चौगुनी गति से विस्तार हो रहा है, वहीं उनके छोटे भाई अनिल अंबानी की हालत लगातार खराब होती जा रही है। रिलायंस ग्रुप और उससे जुड़ी कई कंपनियों के प्रमुख अनिल अंबानी भारी कर्ज में डूबे हुए हैं। पिछले दिनों ब्रिटेन की एक अदालत ने अनिल अंबानी को चीन के बैंकों को करीब 5500 करोड़ रुपए भुगतान करने का आदेश दिया था, वहीं भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी से 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम की वसूली के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण में आवेदन दिया है। इससे पहले स्वीडन की कंपनी एरिक्सन से जुड़े कर्ज के एक मामले में अनिल अंबानी के सामने जेल जाने की नौबत आ गई थी, लेकिन तब मुकेश अंबानी ने 550 करोड़ रुपए की मदद देकर उन्हें जेल जाने से बचाया था। अनिल अंबानी आज अपनी कारोबारी जिंदगी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन आज से 12 साल पहले 2008 में जब उनकी कंपनी रिलायंस पावर (Reliance Power) का आईपीओ लॉन्च किया गया था, तो उसने इंडियन कैपिटल मार्केट में एक इतिहास बना दिया था। एक मिनट से कम समय में कंपनी के सारे आईपीओ बिक गए थे। ऐसी थी अनिल अंबानी की साख।