कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। केस भी लगातार कम हो रहा है, लेकिन दूसरी लहर ने लोगों के अंदर डर और निराशा भर दिया है। रोजाना बढ़ते मामले और किसी अपनों के संक्रमित होने की खबरों ने लोगों के दिमाग पर सीधा अटैक किया है। डर और भय को कैसे दूर रखें, इस नकारात्मकता वाले माहौल में खुद को कैसे पॉजिटिव रखें? इस कोरोना से हम कैसे जीतेंगे। Asianetnews Hindi के संवादादात श्रीकांत सोनी ने रामकथा वाचक संत मुरारी बापू जी से बात की। बापू ने विस्तार से इस महामारी से निकलने और एनर्जेटिक रहने के कई मंत्र बताए।
उन्होंने बताया, यह महामारी निश्चित हारेगी और बहुत जल्द हम अपनी एक नई दुनिया फिर से बसाएंगे। बस अभी हमें बहुत सावधानी से रहना होगा।। पुरुषार्थ करना है जैसे- मास्क पहना और सोशल डिस्टेंस का पालन करना, जब भी नंबर आए वैक्सीन लगवाना है। दवाइयां तो लेना ही है, साथ में प्रभु को याद भी करना है। हमारी प्रार्थना की भी सीमा है। पुरुषार्थ, पुकार और प्रतीक्षा आज के युग में बहुत उपयोगी। कोरोना ने लोगों को एकांतवास दे दिया है। जो समय हम बिताएं उसको साधना का दर्जा दें। संकट के इस समय में हम सबको हिम्मत जुटानी पड़ेगी। आदमी को मन से कायर नहीं होना है बल्कि मनोबल बढ़ाना है। बता दें मुरारी बापू 14 साल की उम्र से राम कथा सुना रहे हैं। रामकथा के जरिए उन्होंने सामाजिक बदलाव की पहल की है। दुनिया के कई हिस्सों में बापू रामकथा सुना चुके हैं।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर अब धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। केस भी लगातार कम हो रहा है, लेकिन दूसरी लहर ने लोगों के अंदर डर और निराशा भर दिया है। रोजाना बढ़ते मामले और किसी अपनों के संक्रमित होने की खबरों ने लोगों के दिमाग पर सीधा अटैक किया है। डर और भय को कैसे दूर रखें, इस नकारात्मकता वाले माहौल में खुद को कैसे पॉजिटिव रखें? इस कोरोना से हम कैसे जीतेंगे। Asianetnews Hindi के संवादादात श्रीकांत सोनी ने रामकथा वाचक संत मुरारी बापू जी से बात की। बापू ने विस्तार से इस महामारी से निकलने और एनर्जेटिक रहने के कई मंत्र बताए।
उन्होंने बताया, यह महामारी निश्चित हारेगी और बहुत जल्द हम अपनी एक नई दुनिया फिर से बसाएंगे। बस अभी हमें बहुत सावधानी से रहना होगा।। पुरुषार्थ करना है जैसे- मास्क पहना और सोशल डिस्टेंस का पालन करना, जब भी नंबर आए वैक्सीन लगवाना है। दवाइयां तो लेना ही है, साथ में प्रभु को याद भी करना है। हमारी प्रार्थना की भी सीमा है। पुरुषार्थ, पुकार और प्रतीक्षा आज के युग में बहुत उपयोगी। कोरोना ने लोगों को एकांतवास दे दिया है। जो समय हम बिताएं उसको साधना का दर्जा दें। संकट के इस समय में हम सबको हिम्मत जुटानी पड़ेगी। आदमी को मन से कायर नहीं होना है बल्कि मनोबल बढ़ाना है। बता दें मुरारी बापू 14 साल की उम्र से राम कथा सुना रहे हैं। रामकथा के जरिए उन्होंने सामाजिक बदलाव की पहल की है। दुनिया के कई हिस्सों में बापू रामकथा सुना चुके हैं।
Mar 14 2024, 02:12 PM IST
Mar 10 2024, 09:10 PM IST
Mar 10 2024, 07:48 PM IST
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Feb 21 2024, 11:02 AM IST
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